सनातन संस्कारों को उनकी मूल प्रकृति...

प्रथम लक्ष्य

सनातन संस्कार यात्रा

सनातन संस्कार यात्रा

सनातन धर्म के शाश्वत सूत्रों को हिंदुत्व ने अपने जीवन की शैली बना कर सूक्ष्म से सूक्ष्म आचरण में पिरोकर जन्म के आह्वान से मृत्यु तक क्रमबद्ध तरीक़े संस्कारों का निर्माण किया ताकि कोई भी जीवन परमसत्ता के अनुभव से वंचित ना रह सके, आज हिंदुत्व ही अपने अस्तित्व को खोज रहा है और इसका मूल कारण हिंदू परिवारों में से प्रक्रियाओं का समाप्त हो जाना है ये जो समय है बहुत दुर्लभ है जहां पर जन चेतना घर वापसी के प्रेरणा से परिपूर्ण है अगर उन संस्कार रूपी प्रक्रियाओं को हमें घर घर में पुनर्स्थापित कर दें, तो हमारा राम राज्य का सपना पूरा होने से कोई नहीं रोक सकता और हम एक महान हिंदू राष्ट्र की बुनियाद रख पाएँगे।।

सनातन संस्कार यात्रा के चरण

  • प्रथम उद्देश्य

    सनातन संस्कारों की मूल स्वरूप में स्थापना...

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    संकल्प सहयोग और समर्पण

    जीवन में बड़े उद्देश्यों की प्राप्ति तीन चरण और उनकी व्यापकता के साथ ही की जा सकती है जैसे सृष्टि ब्रह्मा के संकल्प, विष्णु के सहयोग और महेश के समर्पण की प्रकृतियों से संचालित होती है वैसे ही हमारा जीवन भी । एक सामूहिक संकल्पना सामूहिक सहयोग को प्रेरित करती है और एक व्यापक समर्पण परिणामस्वरूप उत्पन्न होता है। अधिक जानिए

  • द्वितीय उद्देश्य

    मंदिरों का सहकारीकरण एवं सनातन हितों में प्रयोग...

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    मंथन

    व्यापक आयोजन बिना उचित प्रशिक्षण और प्रक्रियाओं की मज़बूत स्थापना के बिना सम्भव नहीं है । इसीलिए सबसे प्रमुख चरण मंथन है जिसमें संगठन और प्रशिक्षण की प्रभावी पदधतियाँ बनाई जाएँगी। अधिक जानिए

  • तृतीय उद्देश्य

    बिछड़ों एवं वंचितों की घर वापसी का सुनिश्चितिकरण।...

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    आयोजन

    सामूहिक संस्कार आयोजन और परिवारों में इसके स्थापना के लिए सतत आयोजन की नितांत आवश्यकता है।... अधिक जानिए

जीवन में बड़े उद्देश्यों की प्राप्ति तीन चरण और उनकी व्यापकता के साथ ही की जा सकती है जैसे सृष्टि ब्रह्मा के संकल्प, विष्णु के सहयोग और महेश के समर्पण की प्रकृतियों से संचालित होती है वैसे ही हमारा जीवन भी । एक सामूहिक संकल्पना सामूहिक सहयोग को प्रेरित करती है और एक व्यापक समर्पण परिणामस्वरूप उत्पन्न होता है।

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व्यापक आयोजन बिना उचित प्रशिक्षण और प्रक्रियाओं की मज़बूत स्थापना के बिना सम्भव नहीं है । इसीलिए सबसे प्रमुख चरण मंथन है जिसमें संगठन और प्रशिक्षण की प्रभावी पदधतियाँ बनाई जाएँगी।

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सामूहिक संस्कार आयोजन और परिवारों में इसके स्थापना के लिए सतत आयोजन की नितांत आवश्यकता है।...

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सनातन मंथन के उद्देश्य